Karni Sena Protest in Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में बुधवार को उस समय तनाव फैल गया, जब करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के आवास पर हमला कर दिया। इस घटना में प्रदर्शनकारियों ने जमकर पत्थरबाजी की और सांसद के घर के बाहर खड़ी गाड़ियों, कुर्सियों सहित अन्य संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। यह हमला सुमन के हालिया बयान के विरोध में किया गया, जिसमें उन्होंने मेवाड़ के शासक राणा सांगा को “गद्दार” कहा था। इस बयान से करणी सेना और अन्य हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश फैल गया था।
करणी सेना का हल्लाबोल
घटना की शुरुआत सुबह करीब 10 बजे हुई, जब करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ता सांसद के कमला नगर स्थित आवास के बाहर एकत्र हुए। नारेबाजी और प्रदर्शन के बीच स्थिति तब बेकाबू हो गई, जब कुछ उग्र कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते घर के बाहर खड़ी दो गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए और वहां रखी कुर्सियां क्षतिग्रस्त कर दी गईं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया, जिसके चलते कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
इस दौरान सांसद रामजी लाल सुमन दिल्ली में थे, जिसके कारण वह इस हमले से सुरक्षित रहे। उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य घर में मौजूद थे, लेकिन उन्हें कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा। घटना के बाद आगरा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और सांसद के आवास के आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

विवाद की जड़: सुमन का बयान
यह पूरा विवाद 21 मार्च को राज्यसभा में रामजी लाल सुमन के उस बयान से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था, “अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो हिंदुओं को राणा सांगा का वंशज क्यों न माना जाए?” सुमन ने अपने भाषण में राणा सांगा को “गद्दार” कहकर संबोधित किया, जिसे करणी सेना ने अपने समुदाय और इतिहास का अपमान माना। करणी सेना का कहना है कि राणा सांगा एक महान योद्धा और हिंदू गौरव के प्रतीक थे, और उनके खिलाफ इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। संगठन ने सुमन से माफी की मांग की थी, लेकिन सांसद ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
करणी सेना का रुख
करणी सेना के आगरा इकाई के अध्यक्ष ने कहा, “हम अपने इतिहास और नायकों का अपमान सहन नहीं करेंगे। रामजी लाल सुमन ने जो कहा, वह निंदनीय है। हमारा यह प्रदर्शन एक चेतावनी है कि ऐसे लोगों को सबक सिखाया जाएगा।” संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर सुमन माफी नहीं मांगते, तो आगे और बड़े प्रदर्शन किए जाएंगे।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “हमने कुछ उपद्रवियों को हिरासत में लिया है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है। कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।” प्रशासन ने शहर में किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
समाजवादी पार्टी ने इस हमले की निंदा की है और इसे “लोकतंत्र पर हमला” करार दिया है। पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा, “यह भाजपा की शह पर किया गया हमला है, जो विपक्षी नेताओं को डराने की कोशिश कर रही है।” वहीं, भाजपा ने इस घटना से दूरी बनाते हुए कहा कि यह करणी सेना का स्वतंत्र फैसला था और उनकी पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
अब आगे क्या?
इस घटना ने आगरा में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा दिया है। इतिहास और राजनीति के इस घालमेल ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि क्या नेताओं के बयानों को लेकर संयम बरतने की जरूरत है। फिलहाल, सभी की नजरें रामजी लाल सुमन के अगले कदम पर टिकी हैं, कि वह इस विवाद को शांत करने के लिए माफी मांगते हैं या अपने बयान पर कायम रहते हैं।
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