Pahalgram Terorist Atack: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को हुए एक भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। बैसरन घाटी में पर्यटकों के एक समूह पर आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 2 लोगों की मौत हो गई और 12-20 लोग घायल हो गए। मृतकों में ओडिशा के बलासोर जिले के प्रशांत सतपथी और कर्नाटक के शिवमोगा के मंजूनाथ शामिल हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली है।
हमला कैसे शुरू हुआ ?
घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकवादी पुलिस की वर्दी में आए और पर्यटकों से उनका धर्म और नाम पूछकर गोलीबारी शुरू कर दी। हमले के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल था। एक स्थानीय निवासी, उमर ने कहा, “हम संकट में हैं। यह सभी का नुकसान है। हम उन लोगों के लिए दुखी हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई।” घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत अभी बेहद गंभीर बताई जा रही है।
कुछ अनौपचारिक स्रोतों और समाचार रिपोर्ट्स (इंडिया टुडे) ने दावा किया है कि मृतकों की संख्या 20 तक हो सकती है, लेकिन जम्मू-कश्मीर सरका, पुलिस और The Hindu ने अभी तक केवल 2 मौतों की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “मृतकों की संख्या अभी निर्धारित की जा रही है। यह हाल के वर्षों में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला है।”
सरकार और नेताओं की क्या प्रतिक्रिया रही हैं।
केंद्र और राज्य सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की यात्रा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “इस घिनौने कृत्य के पीछे जो भी हैं, उन्हें न्याय का सामना करना पड़ेगा। वे बख्शे नहीं जाएंगे। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।”
गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद श्रीनगर के लिए रवाना होने की घोषणा की। वे वहां सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे और सभी खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय करेंगे। शाह ने कहा, “जो इस भयानक कृत्य में शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले को “कायरतापूर्ण” करार देते हुए कहा, “अपराधियों को सजा मिलेगी। घायलों को समुचित इलाज मुहैया कराया जा रहा है।” मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे “घिनौना कृत्य” बताया और श्रीनगर लौटकर स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उनकी सहयोगी सकीना इटू घायलों की देखरेख के लिए अस्पताल पहुंची हैं।
विपक्षी नेताओं ने भी हमले की निंदा की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार से जवाबदेही और ठोस कदमों की मांग की, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे “निर्दोष नागरिकों पर कायरतापूर्ण हमला” बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “ये दरिंदगी भरे हमले मानवता पर दाग हैं।”
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
हमले के तुरंत बाद भारतीय सेना की विक्टर फोर्स, स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी), और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने इलाके में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सेना के 15 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचे। आतंकियों की तलाश के लिए घाटी के ऊपरी इलाकों में अभियान जारी है।
हमले का संदर्भ और प्रभाव
यह हमला कश्मीर में पर्यटन को निशाना बनाकर क्षेत्र की शांति और अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह 2019 के पुलवामा हमले से अलग है, क्योंकि इसमें सुरक्षाबलों के बजाय निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया गया। इस घटना ने कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र की कमियों पर फिर से सवाल उठाए हैं।
स्थानीय लोगों और पर्यटकों में दहशत का माहौल है। पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, अब इस हिंसक घटना के कारण सुर्खियों में है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, “कश्मीर ने हमेशा पर्यटकों का स्वागत किया है। इस तरह की घटना चिंताजनक है।”
अब आगे क्या ?
जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां हमले की जांच में जुट गई हैं। सरकार ने घायलों के इलाज और उनके परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। हालांकि, मृतकों की सटीक संख्या पर अभी भी स्पष्टता का इंतजार है। कुछ अनौपचारिक स्रोतों के दावों (जैसे 20-24 मौतें) की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, और नागरिकों से अपील की गई है कि वे केवल विश्वसनीय स्रोतों पर भरोसा करें।
यह हमला न केवल कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर सवाल उठाता है, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन और शांति के लिए भी एक बड़ा झटका है। सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया और सुरक्षा बलों की सक्रियता से संकेत मिलता है कि आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा जवाब तैयार किया जा रहा है।
नोट: यह लेख 22 अप्रैल 2025 तक उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। स्थिति में बदलाव के साथ नई जानकारी सामने आ सकती है।
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