Pastor Bajinder Gets Life Imprisonment: स्वघोषित पादरी बजिंदर सिंह को उम्रकैद की सजा, जाने पूरा मामला।

News Bahadur
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Pastor Bajinder

Pastor Bajinder Gets Life Imprisonment: पंजाब के मोहाली में आज एक विशेष अदालत ने स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के एक सनसनीखेज यौन उत्पीड़न और बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। यह फैसला सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आया है, जिसमें बजिंदर को 28 मार्च 2025 को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (बलात्कार), धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुँचाना), और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया गया था। “येशू-येशू” कहकर चमत्कारी इलाज का दावा करने वाले इस स्वघोषित धार्मिक गुरु की सजा ने उनके अनुयायियों और आलोचकों के बीच व्यापक चर्चा छेड़ दी है।

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Pastor Bajinder Gets Life Imprisonment: मामले की शुरुआत कब हुई और आरोप कैसे लगा ?

यह मामला तब सुर्खियों में आया था जब 2018 में एक महिला ने बजिंदर सिंह के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि बजिंदर ने उसे विदेश ले जाने का झांसा देकर अपने जाल में फंसाया और फिर उसका यौन शोषण किया। उसने यह भी बताया कि बजिंदर ने उसे भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया और धमकियाँ दीं ताकि वह चुप रहे। शिकायत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बजिंदर को दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था, जब वह देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहा था।

मामले की जाँच के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि बजिंदर ने अपने कथित “चमत्कारी शक्तियों” और धार्मिक प्रभाव का इस्तेमाल कर उसे डराया-धमकाया और उसकी मजबूरी का फायदा उठाया। यह पहली बार नहीं था जब बजिंदर विवादों में घिरे हों; उन पर पहले भी जबरन धर्मांतरण, धोखाधड़ी, और अन्य यौन शोषण के आरोप लग चुके थे। हालांकि, इस बार पीड़िता की हिम्मत और सबूतों की मजबूती ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई को संभव बनाया।

कोर्ट की सुनवाई और फैसला।

सात साल तक चली इस कानूनी प्रक्रिया में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। बचाव पक्ष ने बजिंदर को निर्दोष साबित करने की हर संभव कोशिश की, लेकिन अभियोजन पक्ष ने ठोस सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर अपना केस मजबूत रखा। 28 मार्च 2025 को कोर्ट ने बजिंदर को दोषी करार दिया, और आज, 1 अप्रैल 2025 को, उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अपराध की गंभीरता और पीड़िता को हुई शारीरिक-मानसिक क्षति को देखते हुए यह सजा बिलकुल उचित है।

आज फैसले आने के बाद पीड़िता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि आखिरकार इंसाफ मिला। सात साल तक मैंने बहुत कुछ सहा, लेकिन आज मुझे संतोष है। अगर वह जेल से बाहर आता, तो फिर वही अपराध करता।” उसने यह भी जोड़ा कि इस फैसले से अन्य पीड़ितों को भी हिम्मत मिलेगी कि वे ऐसे लोगों के खिलाफ आवाज उठाएँ।

बजिंदर का विवादों से पुराना नाता रहा हैं।

बजिंदर सिंह, जो अपने सोशल मीडिया प्रचार और “चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम” के जरिए लाखों अनुयायियों को आकर्षित करने में सफल रहे थे, लंबे समय से विवादों के केंद्र में रहे हैं। उनके चमत्कारी इलाज के दावों पर कई लोग सवाल उठाते रहे हैं, और कुछ ने उन्हें एक ढोंगी करार दिया। उनके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हुए, जिनमें से कुछ अभी भी अदालतों में लंबित हैं। यह सजा उनके कथित धार्मिक साम्राज्य के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है।

समाज और कानून पर प्रभाव।

इस फैसले को लेकर समाज में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। जहाँ एक ओर पीड़िता के समर्थकों ने इसे न्याय की जीत बताया, वहीं बजिंदर के कुछ अनुयायी अभी भी उन्हें निर्दोष मानते हैं और इसे उनके खिलाफ साजिश करार दे रहे हैं। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला उन लोगों के लिए एक नजीर बनेगा जो अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हैं।

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