Patrakar Ki Pitai Raebareli: आज उत्तर प्रदेश के रायबरेली में गृहमंत्री अमित शाह का रैली थी। जिसको कवर करने मीडिया के तमाम लोग आये थे। जब अमित शाह मंच से भाषण कर रहे थे। ठीक उसी समय यूट्यूब चैनल Molitics के पत्रकार राघव त्रिवेदी को बेरहमी से पीटा गया। सोशल मीडिया पर पत्रकार के पिटाई का वीडियो वायरल हो रखा हैं।

Patrakar Ki Pitai Raebareli: आखिर क्यों किया गया पिटाई
बात ये है की आज गृहमंत्री अमित शाह की रायबरेली में रैली था। रैली में काफी भीड़ था। बहुत से मीडिया चैनल रैली को को कवर करने गए थे। उसी में Molitics के पत्रकार राघव त्रिवेदी भी थे। रैली में आये लोगो से बातचीत के दौरन कुछ महिलाओ ने राघव त्रिवेदी को बताया की उन्हें 100-100 रूपया देकर ग्रामप्रधान अपने निजी वाहन से रैली स्थल पर लाया हैं।

उस बातचीत की को वहां मौजूद रैली में बीजेपी के कार्यकर्ता सुन लेते है। सुनने के बाद बीजेपी के कार्यकर्त्ता राघव पर वीडियो डिलीट करने का दबाव बनाने लगते हैं। जिसे राघव द्वारा ऐसा करने से माना कर दिया जाता हैं। इसी बात बहस होने लगती हैं। और बहस मारपीट में बदल जाता हैं।
राघव का आरोप है की बीजेपी के लोग उन्हें मंच के पीछे लेजाकर बहुत मारा हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया की उन्होंने वहां मौजूद पुलिस वालो और पत्रकारों से मदद का गुहार लगाते रहे की मुझे बचा लो लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की।
प्रियंका गाँधी ने प्रशासन में लगाए गंभीर आरोप
इस मामले की गम्भीरता इसी बात से लगया जा सकता है की सोशल मीडिया X पोस्ट लिख कर प्रियंका गाँधी समेत अखिलेश यादव, पप्पू यादव, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मामले को उठाया हैं।
प्रियंका गाँधी सोशल मीडिया X पर लिखती है “रायबरेली में गृहमंत्री जी की सभा में भाजपा के लोगों द्वारा molitics के पत्रकार राघव त्रिवेदी को बेरहमी से पीटा गया। गृहमंत्री जी भाषण देते रहे और पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रही। पत्रकार को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने कुछ महिलाओं से बात की थी जो कह रही थीं कि सभा में आने के लिए उन्हें पैसे दिए गए। पूरे देश के मीडिया का मुंह बंद कर देने वाली भाजपा को यह बर्दाश्त नहीं है कि उनके खिलाफ कहीं कोई आवाज उठे। संविधान खत्म करने का अभियान चला रही भाजपा इस देश से लोकतंत्र को खत्म कर जनता की आवाज छीन लेना चाहती है।”
हिंसा हार की निशानी होती हैं -अखिलेश यादव
वही सपा प्रमुख अखिलेश यादव लिखते है की “हिंसा हार की निशानी होती है। भाजपा की रायबरेली की एक रैली में पैसे देकर लाए गये लोगों के बारे में जब दिल्ली के एक पत्रकार ने सच सबके सामने लाना चाहा तो भाजपाइयों ने उसके ऊपर हमला कर दिया। यही है उप्र में क़ानून-व्यवस्था का सच। जब देश के गृहमंत्री की रैली में ये हाल है, जिनके अधीन पुलिस होती है तो फिर बाक़ी देश का कितना बुरा हाल होगा, कहने की ज़रूरत नहीं। भाजपा हिंसक माहौल बनाकर चुनाव जीतना चाहती है।”
इस घटना का सोशल मीडिया पर काफी निंदा की जा रही हैं।
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