Shyam Rangeela Nomination Rejected: जानेमाने मिमिक्री और कॉमेडियन श्याम रंगीला का वाराणसी से लोकसभा का चुनाव नामांकन रद्द हो गया है। आये जानते है क्यों हुआ नामांकन रद्द
कौन है श्याम रंगीला
श्याम रंगीला एक ऐसा नाम जिसके नाम आते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा सामने आता हैं। इसके पीछे वजह है की श्याम रंगीला हूबहू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज का नक़ल करते हैं। अगर आंख बंद कर सुना जाये तो ऐसा लगता है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बोल रहा हैं।
आप को बता दे की श्याम रंगीला राजस्थान राज्य के हनुमानगढ़ गांव पीलीबंगा के रहने वाले हैं। सब से पहले श्याम रंगीला Great Indian Laughter Challenge शो में नरेंद्र मोदी जी की मिमिक्री करने से प्रसिद्ध हुए.

Shyam Rangeela Nomination Rejected: क्यों हुआ नामांकन रद्द।
दरअसल काफी मशक्त के बाद कल बहुत कोशिश के बाद शाम 5 बजे उनका नामांकन फार्म जमा हुआ। और आज दोपहर तक उनका फॉर्म रिजेक्ट हो गया, वजह बताया गया की शपथपत्र जमा नहीं हैं। लेकिन श्याम रंगीला का आरोप है की उनका नामांकन जानबूझकर रद्द किया गया हैं। आइये जानते है कैसे कब क्या हुए।
4 दिन से लगे हुए थे नामांकन के लिए

सब से पहले 10 मई को X पोस्ट कर के कहते है की नामांकन की प्रक्रिया को बहुत जटिल कर दिया गया हैं। घंटो लाइन में लगने के बाद जब मेरा नंबर आया तो कहा गया की पहले अपने स प्रस्तावकों के आधार कार्ड की कॉपी (हस्ताक्षर समेत) और उनके फ़ोन नंबर पहले दीजिए तभी फॉर्म के लिये ट्रेज़री चालान फ़ॉर्म मिलेगा। जबकि ऐसा कुछ नियम नहीं हैं। ये सब बाद की प्रक्रिया हैं।
फिर इसके बाद उनका अगला पोस्ट 13 तारीख को आया जिसमें उन्होंने शासन प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा की “
आज लोकतंत्र का गला घुटते अपनी आँखों से देखा है, मैं नेता नहीं कॉमेडियन हूँ ,फिर भी नामांकन दाखिल करने निकला, सोचा जो होगा देखा जाएगा, लेकिन ये जो हो रहा है ना तो सोचा था ना देखा जा रहा
प्रस्तावक भी थे, फॉर्म भी भरा हुआ था, बस कोई लेने को तैयार नहीं था, कल फिर कोशिश करेंगे”
इसके बाद 15 मई को पोस्ट कर के कहते है की काफी मशक्त के बाद सफलता मिल गई है। पहला पड़ाव पार कर लिया हैं. अब देखते है आगे क्या होता हैं। आगे वो कहते है की अभी आगे के 2 से 3 दिन काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं। अभी भी कुछ भी हो सकता हैं।
नामांकन रद्द होने के पीछे असली वजह
16 मई को श्याम रंगीला कहते है की मुझे पहले से पता था की ये लोग मेरा नामांकन नहीं होने देंगे। जिसका डर था वही हुआ। इन्होंने अपने आप को साबित कर दिया। श्याम रंगीला कहते है “वाराणसी से नहीं लड़ने देंगे ये तय था, अब साफ़ हो गया दिल ज़रूर टूट गया है, हौंसला नहीं टूटा है । आप सबके सहयोग के लिए शुक्रिया । मीडिया और शुभचिंतकों से निवेदन है कृपया अभी कॉल ना करें, जो भी सूचना होगी यहाँ देता रहूँगा, शायद अब थोड़ी देर बातचीत करने की इच्छा नहीं है”
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