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भैया दूज जिसे हम भाई दूज के नाम से भी जानते है हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में एक भैया दूज भी महत्वपूर्ण त्यौहार है।

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भैया दूज यह त्यौहार प्रति वर्ष दिवाली के दो दिन बाद बड़े हे धूम धाम से मनाया जाता है।

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भैया दूज रक्षाबंधन की तरह ही भाई-बहन के आपसी प्रेम का प्रतिक के रूप में माना जाता है।

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यह त्यौहार भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामो से जाना जाता है इस साल भैया दूज 03 नवंबर 2024 को मनाया जयगा।

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दक्षिण भारत में इसे “यम द्वितीया के नाम से जानते है पश्चिम बंगाल में इसे “भाई फोटा के नाम से मनाया जाता है।

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महाराष्ट्र में “भाऊ बीज" के नाम से यह प्रसिद्ध है बही बिहार और झारखंड में इसे गोधन “गोधन कुटाई" के नाम से भी जाना जाता है।

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इस त्यौहार के दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाती है और हाथ जोड़कर यमराज से उसकी लंबी आयु की प्रार्थना करती है।

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शास्त्रों के अनुसार यमराज अपनी बहन यमुना से यमुना नदी का पवित्र जल प्राप्त करने का वरदान मांगा।

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अपने भाई की चिंता से द्रवित होकर यमुना यमराज को वरदान के रूप में वह विशेष जल प्रदान करती है इससे यम को क्रोध, दुःख और संकट से मुक्ति मिल जाती है।

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भैया दूज के दिन बहन द्वारा भाई को नारियल देने की भी प्रथा है पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन यमराज और यमुना की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

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