Chaitra Navratri 2025: कब से शुरू होगी और क्या है घट स्थापना का शुभ मुहूर्त?

Pawan
6 Min Read
chaitra navratri 2025 kalash sthapna, Image Credit Canva

Chaitra Navratri 2025: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व न केवल माँ दुर्गा की आराधना का अवसर प्रदान करता है, बल्कि हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 2025 30 मार्च, रविवार से शुरू होगी और 7 अप्रैल, सोमवार को राम नवमी के साथ समाप्त होगी। यह नौ दिनों का पर्व भक्तों के लिए आध्यात्मिक उत्साह और शक्ति की प्राप्ति का समय होता है।

WhatsApp Join Button हम से जुड़ने के लिए WhatsApp पर फॉलो करें।

इस दौरान माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, और घर-घर में उत्सव का माहौल छा जाता है। आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि 2025 के इस पावन अवसर पर क्या है खास और घट स्थापना का शुभ समय क्या होगा।

Chaitra Navratri 2025: की तारीख और महत्व।

चैत्र नवरात्रि 2025 चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। इस बार प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 4:27 बजे से शुरू होगी और 30 मार्च 2025 को दोपहर 12:49 बजे तक रहेगी। इस नौ दिवसीय उत्सव में माँ दुर्गा के नौ रूपों – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री – की पूजा की जाती है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वसंत ऋतु के आगमन और प्रकृति के नवीकरण का भी संकेत देता है।

चैत्र नवरात्रि को कई क्षेत्रों में गुड़ी पड़वा, उगादी और नवरेह जैसे नामों से भी जाना जाता है, जो हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का उत्सव है। इस दौरान भक्त व्रत रखते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं और माँ दुर्गा से सुख, समृद्धि और शक्ति की कामना करते हैं। खास तौर पर राम नवमी, जो नवरात्रि के नौवें दिन मनाई जाती है, जो की भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में विशेष महत्व रखती है।

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त।

चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत घट स्थापना के साथ होती है, जो इस पर्व का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। घट स्थापना में एक कलश में जल भरकर उसे मिट्टी के पात्र में जौ बोए गए स्थान पर स्थापित किया जाता है। यह माँ दुर्गा के आह्वान का प्रतीक है। शास्त्रों के अनुसार, घट स्थापना का समय प्रतिपदा तिथि के दिन के पहले तीसरे हिस्से में करना शुभ माना जाता है। इस बार 30 मार्च 2025 को घट स्थापना के लिए निम्नलिखित शुभ मुहूर्त हैं:

  • सुबह का शुभ मुहूर्त: सुबह 6:13 बजे से 10:22 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक

सुबह का समय घट स्थापना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इसे अमावस्या या रात के समय करने की मनाही है। इस दिन भक्त माँ शैलपुत्री की पूजा करते हैं, जो माँ दुर्गा का पहला स्वरूप हैं। शैलपुत्री को शक्ति और स्थिरता की देवी माना जाता है, और इनकी पूजा से जीवन में संतुलन और शांति की प्राप्ति होती है।

पूजा विधि और तैयारी कैसे करे ?

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना के लिए कुछ खास तैयारियां की जाती हैं। सबसे पहले एक स्वच्छ स्थान चुनकर उसे गंगाजल से शुद्ध किया जाता है। इसके बाद मिट्टी के पात्र में जौ बोए जाते हैं और उस पर कलश स्थापित किया जाता है। कलश में जल, सुपारी, सिक्का और आम के पत्ते डाले जाते हैं। फिर माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र को स्थापित कर दीप प्रज्वलित किया जाता है। पूजा के दौरान दुर्गा सप्तशती के पाठ और मंत्रों का जाप किया जाता है। भक्त इस दिन लाल फूल, चंदन और धूप अर्पित करते हैं।

चैत्र नवरात्रि का सांस्कृतिक महत्व क्या है?

चैत्र नवरात्रि केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। उत्तर भारत में जहाँ यह माँ दुर्गा की पूजा के लिए प्रसिद्ध है, वहीं दक्षिण भारत में इसे नव वर्ष के रूप में उत्साह के साथ मनाया जाता है। गुजरात में नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया जैसे नृत्य आयोजन होते हैं, जो इस पर्व को और भी रंगीन बनाते हैं। इस बार भी देश भर में मंदिरों और घरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होगा।

नवरात्रि और स्वास्थ्य

चैत्र नवरात्रि का समय मौसम परिवर्तन का भी होता है। इस दौरान व्रत और सात्विक भोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शरीर को डिटॉक्स करने और स्वास्थ्य को बेहतर करने में भी मदद करता है। भक्त इस दौरान फल, कुट्टू का आटा, साबूदाना और दूध से बने व्यंजन खाते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं।

समापन और राम नवमी

चैत्र नवरात्रि 2025 का समापन 7 अप्रैल को राम नवमी के साथ होगा। इस दिन भगवान राम की पूजा की जाती है और कई जगहों पर भंडारे और जुलूस आयोजित किए जाते हैं। यह दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जन्म का उत्सव है और भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है।

चैत्र नवरात्रि 2025 भक्तों के लिए एक ऐसा अवसर लेकर आएगी, जहाँ वे माँ दुर्गा की कृपा से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकेंगे। तो तैयार हो जाइए इस पावन पर्व के लिए और माँ की भक्ति में डूब जाइए।

इसे भी पढ़े-

Solar Panels On Walls New Technology: दीवार पर सोलर पैनल, सौर ऊर्जा में क्रांति की नई शुरुआत।

Share This Article
Leave a Comment