DTC Pink Ticket: दिल्ली में बीजेपी शासित नई सरकार ने डीटीसी और क्लस्टर स्कीम की बसों में मुफ्त सफर की योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। यह योजना अब केवल दिल्ली में रहने वाली महिलाओं तक सीमित होगी, जिसके लिए सरकार ने स्मार्ट कार्ड की व्यवस्था शुरू करने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने बजट भाषण में इस बदलाव की जानकारी दी और इसे सरकारी खर्चों में कटौती और बाहरी लोगों को योजना से बाहर करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। इस घोषणा के बाद से ही लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे कि वेरिफिकेशन की प्रक्रिया क्या होगी, स्मार्ट कार्ड कैसे काम करेगा, और एनसीआर की महिलाओं का क्या होगा। इस आर्टिकल में हम इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानेंगे और इस बदलाव के पीछे की वजहों पर भी प्रकाश डालेंगे।
वेरिफिकेशन की प्रक्रिया: आसान और पारदर्शी होगी
दिल्ली सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि मुफ्त सफर की सुविधा केवल दिल्ली की महिलाओं को मिले, एक वेरिफिकेशन ड्राइव शुरू करने की योजना बनाई है। परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह के अनुसार, यह प्रक्रिया बेहद सरल होगी। महिलाओं को अपने आधार कार्ड, वोटर आईडी, या राशन कार्ड जैसे किसी भी सरकारी पहचान पत्र के जरिए अपनी पहचान और दिल्ली का पता साबित करना होगा।
जिन महिलाओं के दस्तावेजों में दिल्ली का पता दर्ज होगा, उन्हें वेरिफिकेशन के बाद स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा। सरकार ने अभी तक इस योजना के लिए कोई आय सीमा तय नहीं की है, जिसका मतलब है कि सभी आय वर्ग की दिल्ली की महिलाएं इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगी। इस प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए सरकार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों पर विचार कर रही है।
स्मार्ट कार्ड की प्राप्ति और उपयोग
स्मार्ट कार्ड जारी करने की जिम्मेदारी को लेकर सरकार अभी विचार-विमर्श कर रही है। एक विकल्प यह है कि बस कंडक्टर ही महिलाओं का वेरिफिकेशन करें और उन्हें कार्ड दें, लेकिन डीटीसी में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए ऑनलाइन वेरिफिकेशन सिस्टम पर भी जोर दिया जा रहा है। वेरिफिकेशन के बाद महिलाओं को स्मार्ट कार्ड बसों में ही उपलब्ध कराया जाएगा।
यह कार्ड मेट्रो के स्मार्ट कार्ड की तरह होगा, लेकिन इसमें कोई बैलेंस नहीं होगा। इसमें एक चिप होगी, जिसे बस कंडक्टर की हैंडहेल्ड मशीन पर टैप करना होगा। इस डिजिटल सिस्टम से यह ट्रैक करना आसान हो जाएगा कि कितनी महिलाओं ने मुफ्त सफर का लाभ लिया, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और दुरुपयोग पर रोक लगेगी।
स्मार्ट कार्ड की लागत और सुविधा
स्मार्ट कार्ड मुफ्त में दिया जाएगा या इसके लिए शुल्क लिया जाएगा, इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सूत्रों के अनुसार, सरकार इसे मुफ्त देने की संभावना पर विचार कर रही है, लेकिन अगर शुल्क लिया गया तो यह 20-25 रुपये से अधिक नहीं होगा। यह कार्ड इस तरह डिज़ाइन किया जाएगा कि एक कार्ड का उपयोग केवल एक महिला ही कर सके, जिससे इसका गलत इस्तेमाल रोका जा सके।
दिल्ली सरकार बसों में डिजिटल टिकटिंग सिस्टम लागू करने की तैयारी में है, जिसका ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। इस सिस्टम के तहत कंडक्टरों को हैंडहेल्ड मशीनें दी जाएंगी, जो स्मार्ट कार्ड को स्कैन करेंगी और सफर को रिकॉर्ड करेंगी।
एनसीआर और अन्य क्षेत्रों की महिलाओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
इस बदलाव का सबसे बड़ा असर एनसीआर और दिल्ली से बाहर रहने वाली महिलाओं पर पड़ेगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ कहा है कि यह योजना केवल दिल्ली की महिलाओं के लिए है। परिवहन मंत्री ने भी इस बात पर जोर दिया कि वेरिफिकेशन के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बाहरी लोग इस सुविधा का लाभ न उठा सकें।
इसका मतलब है कि एनसीआर क्षेत्रों जैसे नोएडा, गुरुग्राम, या गाजियाबाद में रहने वाली महिलाएं अब मुफ्त सफर की सुविधा से वंचित रहेंगी और उन्हें टिकट खरीदना होगा। इस फैसले से दिल्ली सरकार का उद्देश्य अपनी योजनाओं को स्थानीय निवासियों तक सीमित करना और संसाधनों का बेहतर उपयोग करना है।
बदलाव की वजह: भ्रष्टाचार पर लगाम और संसाधन प्रबंधन।
इस बदलाव के पीछे की मुख्य वजह सरकारी खर्चों में कटौती और पिंक टिकट सिस्टम में हुए भ्रष्टाचार को रोकना है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने भाषण में बताया कि पहले की सरकार में पिंक टिकट के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। उनके अनुसार, एक महिला एक टिकट लेती थी, लेकिन बिलिंग चार गुना की जाती थी।
इस भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए स्मार्ट कार्ड सिस्टम लाया जा रहा है, जो पूरी तरह डिजिटल होगा। इससे न केवल टिकटिंग प्रक्रिया पारदर्शी होगी, बल्कि सरकार को यह भी पता चल सकेगा कि योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं। साथ ही, बाहरी लोगों को योजना से बाहर रखकर दिल्ली सरकार अपने संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करना चाहती है।
निष्कर्ष
दिल्ली सरकार का यह कदम मुफ्त बस सफर योजना को और व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक प्रयास है। स्मार्ट कार्ड सिस्टम और वेरिफिकेशन प्रक्रिया से न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि यह सुविधा केवल दिल्ली की महिलाओं तक ही पहुंचे।
हालांकि, एनसीआर की महिलाओं के लिए यह बदलाव निराशाजनक हो सकता है, लेकिन सरकार का मानना है कि इससे दिल्ली के संसाधनों का सही उपयोग होगा। आने वाले दिनों में इस योजना का असर और इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वेरिफिकेशन और स्मार्ट कार्ड वितरण की प्रक्रिया कितनी सहज और प्रभावी ढंग से लागू की जाती है।
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