Myanmar Earthquake: म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप, सड़कें धंसीं, थाईलैंड में इमारत ढही, 81 मजदूर फंसे।

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Myanmar Earthquake

Myanmar Earthquake: म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था और इसकी गहराई मात्र 10 किलोमीटर (6.2 मील) थी, जैसा कि यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने बताया है की भूकंप के झटके पड़ोसी देश थाईलैंड तक महसूस किए गए, जहां बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 30 मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें 81 मजदूर फंसे होने की सम्भावना हैं।

Myanmar Earthquake Today: म्यांमार में सड़कें धंसीं, पुल टूटे।

म्यांमार में भूकंप ने बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया। सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि एक मुख्य सड़क भूकंप की वजह से बुरी तरह धंस गई है, जिसके किनारे गहरी दरारें पड़ गई हैं। म्यांमार की दूसरी सबसे बड़ी नदी इरावदी पर बना ऐतिहासिक अवा ब्रिज भी ढह गया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। मांडले और यांगून को जोड़ने वाली मुख्य राजमार्ग, यांगून-मांडले एक्सप्रेसवे, के कई हिस्सों को भी नुकसान पहुंचा है। सागाइंग और मांडले क्षेत्रों में बिजली और संचार लाइनों के टूटने से राहत कार्यों में बाधा आ रही है।

मांडले में पूर्व शाही महल और कई इमारतों को नुकसान पहुंचा, जबकि न्यापिटाव में कई मठ और पगोडा क्षतिग्रस्त हो गए। म्यांमार सरकार ने सागाइंग, मांडले, न्यापिटाव, बागो, मागवे और उत्तर-पूर्वी शान राज्य सहित छह क्षेत्रों में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है।

थाईलैंड में भारी नुकसान हुआ हैं।

भूकंप के झटके थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक पहुंची हैं, जहां एक निर्माणाधीन 30 मंजिला सरकारी कार्यालय की इमारत ढह गई। इस हादसे में कम से कम तीन मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 81 लोग मलबे में फंसे होने की आशंका हैं। थाई उप-प्रधानमंत्री फुमथम वेचायचाई ने बताया कि बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन मलबे की भारी मात्रा के कारण राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। बैंकॉक के चतुचक पार्क क्षेत्र में हुए इस हादसे ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में होटलों और रिहायशी इमारतों की छतों पर बने स्विमिंग पूल से पानी बाहर निकलते हुए देखा गया।

राहत और बचाव कार्य जारी।

रेड क्रॉस ने बताया कि मांडले और सागाइंग क्षेत्रों में बिजली और संचार लाइनों के टूटने से राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं। म्यांमार में इंटरनेट प्रतिबंध और सेंसरशिप नीतियों के कारण नुकसान का सटीक आकलन करना मुश्किल हो रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, थाईलैंड में जहां नुकसान की खबरें तेजी से सामने आ रही हैं, वहीं म्यांमार में स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लोगों ने इस आपदा पर गहरी चिंता जताई है।

@umashankarsingh

ने सड़क धंसने की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “भूकंप की वजह से म्यांमार में धँसी सड़क।”

@DineshK03975523

ने लिखा, “लगता है भारी तबाही मचाई है। ईश्वर सबकी रक्षा करेंगे।” वहीं,

@swamiraj636

ने तंज कसते हुए कहा, “हमारे बिहार में तो बिना भूकंप ही पुल गिर जाते हैं, म्यांमार के लोगों के साथ सहानुभूति है।”

विशेषज्ञों की क्या राय हैं।

भूकंप विशेषज्ञों के अनुसार, म्यांमार भूकंप-प्रवण क्षेत्र में स्थित है, लेकिन इस क्षेत्र में ज्यादातर इमारतें निचली होती हैं, जिससे बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान कम होता है। हालांकि, इस बार भूकंप की तीव्रता और इसकी उथली गहराई ने स्थिति को गंभीर बना दिया। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में आफ्टरशॉक की संभावना बनी हुई है।

राहत और बचाव कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की जा रही है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “हम म्यांमार और थाईलैंड में हुए नुकसान की रिपोर्ट का विश्लेषण कर रहे हैं और प्रभावित लोगों की मदद के लिए तैयार हैं।”

इस भूकंप ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के प्रति तैयारियों और बुनियादी ढांचे की मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए हैं। म्यांमार और थाईलैंड में स्थिति सामान्य होने में अभी समय लग सकता है।

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