संभल में पीस कमेटी की बैठक: सीओ अनुज चौधरी बोले- “ईद की सेवइयां खिलानी हैं तो गुझिया भी खानी पड़ेगी”

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Sambhal co anuj choudhary: ईद और रामनवमी के नजदीक आते ही संभल में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए पीस कमेटी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सिटी सीओ अनुज चौधरी ने आपसी भाईचारे और एकता का संदेश देते हुए कहा, “ईद की सेवइयां खिलाना चाहते हैं तो गुझिया भी खानी पड़ेगी।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा हैं।

ईद की सेवइयां खिलाना चाहते हो तो आपको गुझिया भी खानी पड़ेगी

सीओ अनुज चौधरी ने बैठक में मौजूद लोगों से कहा कि त्योहारों को शांति के साथ मनाने के लिए एक-दूसरे की परंपराओं का सम्मान जरूरी है। उन्होंने आगे बताया कि अगर एक समुदाय ईद पर सेवइयां बांटना चाहता है, तो दूसरे समुदाय को भी होली की गुझिया स्वीकार करनी चाहिए। “समस्या तब पैदा होती है जब एक पक्ष देने को तैयार हो, लेकिन दूसरा लेने को तैयार न हो। इससे भाईचारा कमजोर होता है,” साथ ही उन्होंने आगे कहा की 52 जुमा और होली एक बार आती है, वाली बात गलत थी तो कोर्ट जाते मुझे सजा करवाते।

Sambhal CO Anuj Chaudhary on Eid

यह बैठक जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से आगामी त्योहारों के मद्देनजर शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बुलाई गई थी। सीओ ने दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे अपने स्तर पर भी लोगों को जागरूक करें, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। बैठक में मौजूद लोगों ने उनके इस संदेश की सराहना की और शांति बनाए रखने का संकल्प लिया।

जिला प्रशासन ने भी स्पष्ट किया कि त्योहारों के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे। संभल में पहले भी संवेदनशील मौकों पर तनाव की स्थिति देखी गई है, लेकिन इस बार प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर माहौल को सकारात्मक रखने के लिए प्रयासरत हैं। सीओ के इस बयान को सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनते देखा जा रहा है, जहां लोग इसे एकता का प्रतीक मान रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि आगे भी ऐसी बैठकों का आयोजन किया जाएगा, ताकि आपसी संवाद बना रहे और त्योहारों का आनंद सभी लोग मिलकर उठा सकें।

Sambhal CO Anuj Chaudhary Controversy:

संभल सीओ अनुज चौधरी का विवादों से पुराना नाता रहा है, उनके बयान और कार्य अक्सर विवादों के घेरे में आ जाता हैं, उनके पीछे के विवादों का आधार मुख्य रूप से उनकी टिप्पणियों, पुलिस कार्रवाइयों और कथित रूप से नियमों के उल्लंघन से जुड़ा है। नीचे उनके प्रमुख विवादों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:

1 .संभल हिंसा (नवंबर 2024)

संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के बाद हुई हिंसा में अनुज चौधरी का नाम चर्चा में आया। इस घटना में पांच लोगों की मौत हुई थी, और पीड़ित परिवारों ने सीधे तौर पर पुलिस, खासकर सीओ अनुज चौधरी और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई पर गोली चलाने का आरोप लगाया। हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि गोलीबारी भीड़ की ओर से हुई थी, न कि पुलिस की ओर से। इस घटना ने चौधरी को विवाद के केंद्र में ला दिया, जहां कुछ लोगों ने उन्हें नायक के रूप में देखा, तो कुछ ने उनकी भूमिका पर सवाल उठाए। इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था।

2 .होली-जुमा बयान (मार्च 2025)

मार्च 2025 में, होली और जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ने के कारण संभल में शांति समिति की बैठक हुई। इस दौरान अनुज चौधरी ने कहा, “होली साल में एक बार आती है, जबकि जुमा 52 बार। अगर किसी को रंगों से परहेज है, तो वे घर पर रहें।” इस बयान को विपक्षी दलों और कुछ धार्मिक संगठनों ने पक्षपातपूर्ण और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताकर आलोचना की। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि उनकी “पहलवानी वाली भाषा” कुछ लोगों को बुरी लग सकती है। मुख्यमंत्री योगी के इस बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया था।

3. गदा विवाद (जनवरी 2025)

संभल में किष्किंधा रथयात्रा के दौरान अनुज चौधरी का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे पुलिस वर्दी में गदा लेकर चलते नजर आए। इस घटना पर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को शिकायत की, इसे वर्दी और सेवा नियमों का उल्लंघन बताया। इसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू हुई। इसने उनके कार्यशैली पर सवाल उठाए और धार्मिक पक्षपात के आरोपों को हवा दी। इस घटना को लेकर भी काफी विवाद हुआ था।

4. आजम खान से टकराव

Sambhal CO Anuj Chaudhary जब Azam Khan से बीच रास्ते भिड़ गए

रामपुर में तैनाती के दौरान अनुज चौधरी का समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान से टकराव हुआ था। एक घटना में, जब आजम खान अपने समर्थकों के साथ मुरादाबाद कमिश्नर से मिलने जा रहे थे, तो चौधरी ने उन्हें रोका और कहा कि केवल 27 लोग ही अंदर जा सकते हैं। इस पर उनकी आजम खान से बहस हुई, जिसके बाद वे सुर्खियों में आए।

अनुज चौधरी के छवि कैसी हैं

आप को बता दे की अनुज चौधरी एक पूर्व पहलवान हैं, जिन्होंने 2004 के ओलंपिक में हिस्सा लिया और अर्जुन अवॉर्ड जीता। 2012 में स्पोर्ट्स कोटे से वे उत्तर प्रदेश पुलिस में डिप्टी एसपी बने। उनकी छवि एक सख्त और दबंग पुलिस अधिकारी की रही है, लेकिन उनके बयान और कार्रवाइयां अक्सर ध्रुवीकरण का कारण बनते हैं। जहां कुछ लोग उन्हें सनातनी नायक मानते हैं, वहीं अन्य लोग उन्हें पक्षपातपूर्ण और नियम तोड़ने वाला अधिकारी कहते हैं।

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